भारत के इतिहास में बहुत से लोग महान व्यक्तित्व के स्वामी है। जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में अपना विशेष योगदान दिया है। उनके योगदान को देखते हुए आज भी भारत देश में हमें याद किया जाता है। स्वतंत्रता संग्राम शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति के क्षेत्र में समाज सुधार के क्षेत्र में इस तरह के अलग-अलग क्षेत्र में उन्होंने अपना योगदान दिया है। आज हम इस लेख में उन महान व्यक्तित्व के बारे में जानेंगे जिन के कामों के कारण आज भी भारत देश सहित पूरे विश्व में उन्हें याद किया जाता है।
भारत में ऐसे बहुत से लोग हुए हैं जो अपने व्यक्तित्व छवि के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए हैं। जिनके ऊपर हमें गर्व है। हर भारतीयों को उन महान व्यक्तियों के विषय में जानकारी होना आवश्यक है। यदि आप भी उन महान विभूतियों के बारे में जानना चाहते हैं तो लेख को पूरा पढ़ें, इस लेख में उन महान विभूतियों की पूरी जानकारी दी गई है।
भारत के महान व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों की सूची
इस लेख में हमने उन सभी व्यक्तियों को शामिल किया है जिनका भारत के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से योगदान रहा है। योगदान राजनीतिक क्षेत्र में, शिक्षा सुधार के क्षेत्र में, स्वास्थ्य क्षेत्र में, समाज सुधार के क्षेत्र में है ।
महात्मा गांधी – भारत के राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। उन्होंने वकालत की शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की थी। उन्होंने रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में लड़ाई लड़ी। अपनी शिक्षा को समाप्त करने के बाद इंग्लैंड से भारत आए उसके बाद उन्होंने भारत में चंपारण, सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञ आंदोलन , भारत छोड़ो आंदोलन अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। 1948 में नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जवाहरलाल नेहरू – भारत के प्रथम प्रधानमंत्री
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 1889 में इलाहाबाद में हुआ था। बेतहस्य से एक वकील थे। वह बहुत जवार वह बहुत सी बार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपना कार्यकाल 1964 तक संभाला था। भारत छोड़ो आंदोलन सभी आवाज ज्यादा रन गुटनिरपेक्ष आंदोलन आदि में उनकी प्रमुख भूमिका थी।
लाला लाजपत राय – शेरे पंजाब – पंजाब केसरी
लाला लाजपत राय को शेरे पंजाब और पंजाब केसरी के नाम से नवाजा गया था। लाला लाजपत राय का जन्म 18 65 में हुआ था। उनका एक प्रमुख वाक्य था “मेरे सिर पर लाठी का एक–एक प्रहार अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा “। 1920 में लाला लाजपत राय ने कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी और 1921 में उन्होंने स्वराज्य दल की स्थापना की थी। 1928 में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए मृत्यु को प्राप्त हुए थे।
सरदार बल्लव भाई पटेल – भारत के लौह पुरुष
“ भारत के लौह पुरुष “ सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बारडोली के किसान आंदोलन की अगुवाई की थी महिलाओं ने यहीं से उन्हें सरदार की उपाधि दी। वल्लभभाई पटेल भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री बनाए गए थे इस बार वल्लभभाई पटेल का सबसे बड़ा योगदान विभिन्न रास्तों को भारतीय संघ में विलय किया था। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया था।
नेता सुभाष चंद्र बोस
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिंद, दिल्ली चलो, आदि सुभाष चंद्र के प्रमुख नारे थे। नेता जी का जन्म 1897 में कटक उड़ीसा में हुआ है। कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद भारतीय सिविल सेवा में चयन हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित होकर उन्होंने अपने पद से त्याग दिया था। नेताजी उग्र स्वभाव के व्यक्तित्व वाले इंसान थे। इसलिए गांधी, नेहरू से अलग होकर उन्होंने इंडिपेंडेंट लीग पार्टी बनाई बाद में उन्होंने आजादी हिंद फौज की स्थापना की थी उनकी मौत पर आज भी एक रहस्य बना हुआ है क्योंकि उनकी मौत का अभी भी कोई साक्ष्य नहीं है।
दादाभाई नौरोजी
दादाभाई नरोजी नरोजी नौरोजी इसको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तीन बार अध्यक्ष चुना गया था। प्रथम भारतीय थे जीने ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन का सदस्य चुना गया था। लोग उन्हें Ground Old Man of India. कहते थे। उनकी पुस्तक Poverty and Unbritish Rule in India प्रसिद्ध हुई थी दादा भाई नौरोजी ने मुंबई एसोसिएशन , ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना की थी।
शहीद भगत सिंह
शहीद भगत सिंह का जन्म 1907 में पंजाब में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम में सबसे छोटी उम्र में शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में भगत सहित सिंह का भगत सिंह शहीद का नाम प्रथम है। शहीद भगत सिंह 1925 में हिंदुस्तान रिपब्लिक सोसायटी से जुड़े थे। लाहौर षड्यंत्र केस के तहत 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह को फांसी दी गई थी। शहीद भगत सिंह की प्रसिद्ध पुस्तक का नाम ” मैं नास्तिक क्यों हूं “ है।
बंकिम चंद्र चटर्जी
बंकिम चंद्र चटर्जी एक प्रसिद्ध बंगाली उपन्यासकार थे थे पुणे। “वंदे मातरम“ गीत को उनके प्रसिद्ध पुस्तक “आनंद मठ“ से लिया गया है। इसके अलावा उन्होंने दुर्गेश नादिनी आदि प्रसिद्ध पुस्तकें थी।
बाल गंगाधर तिलक – स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
बाल गंगाधर तिलक उग्रवादी दल के प्रमुख नेता थे। बाल गंगाधर तिलक का जन्म 1856 में महाराष्ट्र में हुआ था। बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में गणपति उत्सव एवं शिवाजी उत्सव की परंपरा शुरू की थी। इसी में प्रवेश होम रूल लीग की स्थापना बाल गंगाधर तिलक का निधन 1920 में मुंबई में हुआ था।
सरोजिनी नायडू – भारत कोकिला
सरोजिनी नायडू को भारत का कोकिला कहा जाता था है। सरोजनी नायडू मुलत : अंग्रेजी भाषा की कवियत्री थी। 1925 में राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला थी। उन्होंने नमक सत्याग्रह में भाग लिया था बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रथम राज्यपाल बनने का मौका मिला था।
रानी लक्ष्मीबाई
1857 के विद्रोह में सभी नेतृत्वकर्ताओ मैं सबसे प्रमुख नाम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का था। जिन्होंने झांसी के सैनिकों को ऐतिहासिक नेतृत्व प्रदान किया था। झांसी के राजा गंगाधर राव की मृत्यु के पश्चात लॉर्ड डलहौजी ने राजा के दत्तक पुत्र को झांसी के राजा मानने से इनकार कर दिया तथा सिद्धांतों के आधार पर झांसी को कंपनी के सिम राज्य से मिला लिया। जिसे मानने से झांसी की रानी इंकार कर दिया और अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया और अंग्रेजों से लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हुई।
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस बंगाल के संत तथा धार्मिक गुरु थे स्वामी विवेकानंद इन के शिष्य थे स्वामी विवेकानंद ने इनके नाम पर रामकृष्ण मिशन की नींव रखी थी।
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का जन्म मक्का में हुआ था। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद एक मुस्लिम नेता थे। ब्रिटिश सरकार की नीतियों के कटर आलोचक थे उनकी पुस्तक इंडिया विन्स फ्रीडम काफी चर्चित रही।
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अंतिम शब्दों में –
आज हमने इस लेख में जाना कि भारत की कौन से महान विभूतियां थी। और उनका समाज के लिए अलग-अलग क्षेत्र में क्या-क्या योगदान थे। उम्मीद करता हूं उनके लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप इसी तरह की और जानकारी को हासिल करना चाहते हो तो हमारे ब्लॉग पर बने रहे।