भारतीय राजनीतिक शब्दावली – Indian Political Terminology in Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारे इस ब्लॉग पर ,आज हम इस लेख में बात करेंगे भारतीय राजनीतिक शब्दावली। ऐसे शब्द जिन्हें राजनीति सरकार और संसद में शब्द यूज होते हैं। उन शब्दों का क्या अर्थ होता है आदि पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। जानकारी को हासिल करने के लिए लेख को पूरा और ध्यान से पढ़ें। तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं।
भारतीय राजनीतिक शब्दावली – Indian Political Terminology in Hindi
अध्यादेश – Ordinance
जब संसद का अधिवेशन चल रहा हो और किसी उद्देश्य विशेष के लिए कानून की आवश्यकता हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है। इस अध्यादेश का प्रभाव संसद द्वारा निर्मित कानून जैसा ही होगा।
अनुपातिक प्रतिनिधित्व – Proportional representation:
प्रतिनिधित्व अथवा मतदान की एक पद्धति जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि निर्वाचित व्यक्तियों की संख्या मतदान में उनके समर्थकों मधु के अनुपात में रहे।
द्वैध शासन – Duplex Governance
जहां पर दो प्रकार की शासन प्रणालियां का अस्तित्व हो ऐसी व्यवस्था को द्वैध शासन के नाम से संबोधित किया जाता है।
निषेधाधिकार – Prohibition
मुख्य कार्यपालिका द्वारा अच्छी प्रकार से सोच विचार के बाद किसी भी विधा अधिनियम पर अपनी स्वीकृति या इस प्रकार के इसे कानून को रोक लेने से रोक देना।
न्यायिक समीक्षा – Judicial review
जब न्यायपालिका को यह अधिकार प्राप्त रहता है कि विधायिका के कार्यों की जांच करें तथा यह पता लगाए कि उसे जो विधि बनाई है वह संविधान के अनुसार है अथवा नहीं तो उसके इस कार्य को न्यायिक समीक्षा के नाम से पुकारा जाता है।
निर्वाचक मंडल – Electoral circles
विशेष निर्वाचन के उद्देश्य से गठित निर्वाचक ओं का विशेष समूह उदाहरण के लिए भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन हेतु संसद व राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य निर्वाचित मंडल का गठन करते हैं।
पदेन – Ex officio
पद धारण करने के कारण भावनाथ भारत का उपराष्ट्रपति पदेन राज्यसभा का सभापति होता है इसका अर्थ यह हुआ कि जब तक कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति का पद धारण करता रहेगा तब तक यह राज्यसभा का सभापति बना रहेगा।
पूर्ण व्यस्क मताधिकार – Full adult franchise
जहां प्रत्येक व्यक्ति व्यक्ति को जाति, धर्म ,भाषा, लिंग , के आधार पर भेदभाव किए बिना समान रूप से मदारी कार प्राप्त हो उसे पूर्ण व्यस्क मताधिकार कहा जाता है।
प्रभुसत्ता संपन्न – Sovereign
जहां देश आंतरिक तथा बाहरी मामलों में पूरी तरह स्वतंत्र हो उसे प्रभुसत्ता संपन्न देश कहा जाता है।
समाजवाद – Socialism
समाजवाद से अभिप्राय उस व्यवस्था से है जिसमें उत्पादन वितरण का स्वामित्व राज्य के नियंत्रण में रहता है।
लोकतंत्र – Democracy
लोकतंत्र से अभिप्राय है कि सरकार को समस्त शक्तियां जनता से प्राप्त होती है। शासकों को निर्वाचन जनता द्वारा किया जाता है और वह उन्हीं के प्रति उत्तरदाई है।यह दूसरे शब्दों में बोल सकते है जनता की सरकार।
गणराज्य – Republic
गणराज्य से अभिप्राय है कि राज्य का अध्यक्ष निर्वाचित व्यक्ति है जो एक निश्चित अवधि हेतु पद ग्रहण करता है।
धर्मनिरपेक्ष – Secular
जहां धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है , सभी धर्मों को समान रूप से देखा जाता है उसे धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है।
मैंगना कार्टा – Mangna Carta
यह स्वतंत्रता का अधिकार पत्र माना जाता है। सन 1215 में इंग्लैंड के राजा जॉन को उसके सामंतों तथा धर्म अधिकारियों ने अपनी कुछ मांगों को मनवाने के लिए बाध्य कर दिया यद्यपि उस समय इसका संबंध सामान्य नागरिकों के अधिकार से नहीं था तथापि कालांतर में इसने अंग्रेजों के अधिकार पत्र का स्वरूप ग्रहण कर लिया। इसके अनुसार किसी भी स्वतंत्र में को देश की विधि की अनुमति के बिना ना तो गिरफ्तार किया जा सकता है, ना जेल में रखा जा सकता है, अपराधी घोषित किया जा सकता है ,ना किसी प्रकार से तंग किया जा सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव – No confidence resolution
यह प्रस्ताव लोकसभा में विपक्षी दलों व द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसकी प्रस्तुति के लिए आवश्यक है कि लोकसभा के कम से कम 50 सदस्य इस प्रस्ताव का समर्थन करें तथा लोकतंत्र अध्यक्ष इसे प्रस्तुत करने की सहमति दें। यदि यह प्रस्ताव लोकसभा बहुमत से पारित कर दे तो मंत्रिमंडल को त्यागपत्र देना पड़ता है।
कार्यस्थगन प्रस्ताव – Adjournment resolution
जब संसद के सदस्यों को लगता है कि देश में कोई विशेष घटना हुई है तो उस पर चर्चा करने के लिए संसद सदस्य प्रस्ताव पारित कर सदन की कार्यवाही को स्थगित कर उस घटना पर चर्चा करने की मांग करते हैं इसलिए इसे कार्य स्थगन या काम रोको प्रस्ताव कहा जाता है।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव – Attention resolution
अध्यक्ष की अनुमति से जब कोई संसद सदस्य किस मंत्री को ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र की दृष्टि से अत्यावश्यक विषय की आकर्षित करना चाहते हैं तो उसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कहते हैं।
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प्रश्नकाल – Question Hour
संसदीय कार्रवाई का प्रथम घंटा जिस मान्यता सुबह 11:00 से 12:00 का समय होता है। में प्रश्नकाल के लाता है इसी दौरान संसद सदस्यों द्वारा मंत्रियों से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय विषय के संदर्भ में महत्वपूर्ण घटना पर प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है।
शून्यकाल –Zero Hour
प्रश्नकाल के बाद एक घंटा जो दोपहर के 12:00 बजे से 1:00 बजे तक के लिए निर्धारित होता है वह शून्यकाल कहलाता है। इन प्रश्नों को पूर्व निर्धारित नहीं होता है। इस दौरान बिना पूर्व सूचना के संसद सदस्यों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के संदर्भ से मंत्री से प्रश्न पूछा जाता है इसका उत्तर तत्काल आवश्यक माना जाता है।
अनुपूरक प्रश्न – Supplementary questions
सदन में किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष की अनुमति से किसी विषय के संबंध में उत्तर दिया जा चुका है स्पष्टीकरण सेतु अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान की जाती है।
अल्प सूचना प्रश्न – Short notice questions
जो प्रश्न लोकमत व का हो तथा जिन्हें सुधारना पृष्ठ के लिए निर्धारित 10 दिन की अवधि से कम सूचना देकर पूछा जा सकता है उन्हें अल्प सूचना प्रश्न कहा जाता है।
स्थगन प्रस्ताव – Adjournment motion
स्थगन प्रस्ताव पेश करने का मुख्य उद्देश्य किसी लोकमत के मामले को सदन की ओर ध्यान आकर्षित करना है। जब इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तब सदन लोकमत के निश्चित मामले पर चर्चा करने के लिए सदन का नियमित कार्य रोक देता है। इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए न्यूनतम 4 सदस्यों की स्वीकृति आवश्यक है।
अंतिम शब्दों में
प्रिय पाठको आज हमने इस लेख में भारतीय राजनीतिक शब्दावली के महत्वपूर्ण शब्दों के विषय में जाना उम्मीद करता हूं कि आपको जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको जानकारी अच्छी लगे लगी हो तो कृपया करके लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करें ताकि उनके ज्ञान में भी वृद्धि हो सके।
लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद