भारत का सर्वोच्च न्यायालय -Supreme court of india in Hindi : किसी भी देश की महानता उस देश की न्याय व्यवस्था पर निर्भर करती है। यदि देश में न्याय की व्यवस्था अच्छी हो उस देश के सभी नागरिक खुश होते हैं। देश की न्याय व्यवस्था सरकार के अधीन नहीं होती है, खास करके लोकतंत्र में। ऐसे में सरकार निरंकुश नहीं बन सकती है।
आज हम इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे के भारत के सर्वोच्च न्यायालय के क्या क्या कार्य हैं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की भर्ती कौन करता है। सर्वोच्च न्यायालय में कितने न्यायाधीश होते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए ,आदि बातें।
भारत का सर्वोच्च न्यायालय- Supreme court of india in Hindi
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत भारत में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई है जो देश का शीर्ष न्यायालय है और अंतिम न्यायालय भी है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 28 जनवरी 1950 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हुई थी।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कितने न्यायाधीश होते हैं?
वर्तमान समय में मुख्य न्यायाधीश तथा 30 अन्य न्यायाधीशों को मिलाकर सर्वोच्च न्यायालय का गठन किया गया है संसद को अधिकार है कि वे न्यायाधीशों की संख्या को निश्चित कर सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने की योग्यताएं ?
सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं आवश्यक है।
- भारत का नागरिक हो।
- उच्च न्यायालय में अथवा दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम 5 वर्षों तक न्यायाधीश के पद पर रह चुका हूं।
- किसी उच्च न्यायालय में कम से कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो।
- राष्ट्रपति की दृष्टि में बिधि का विद्वान हो।
न्यायाधीशों की नियुक्ति
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने के पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।
शपथ ग्रहण – Supreme court of india in Hindi
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को भारत के राष्ट्रपति के समक्ष भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा तथा देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ ग्रहण करनी होती है।
न्यायाधीशों के वेतन तथा भत्ते
- वर्तमान समय में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक लाख प्रति माह तथा अन्य न्यायाधीशों को 90 हजार प्रति माह मिलता है।
- न्यायाधीशों के वेतन तथा भत्ते पर भारत सरकार की संचित निधि से दिए जाते हैं।
न्यायाधीशों का कार्यकाल का समय
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की कार्य अवधि उनकी आयु के 65 वर्ष तक होती है। किंतु इससे पूर्व भी राष्ट्रपति को संबोधित कर अपना इस्तीफा दे सकते हैं।
भारतीय संविधान में कुल कितने मौलिक अधिकार है
वर्तमान समय में भारत का मुख्य न्यायाधीश कौन है ? 2021
भारत में आज तक कुल 47 न्यायाधीश बने हैं वर्तमान न्यायाधीश सहित। वर्तमान समय में भारत देश का मुख्य न्यायाधीश या न्यायमूर्ति श्री शरद अरविंद बोबडे है। शरद अरविंद बोबदे ने न्यायमूर्ति का पद 6 नवंबर 2019 को संभाला था।
शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र नागपुर में हुआ था। उन्होंने लाहौर कानून की स्नातक की शिक्षा नागपुर विश्वविद्यालय से ग्रहण की थी। श्रद्धा अरविंद बोबडे ने 21 वर्ष तक मुंबई उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएं दी।
अरविंद बोबडे 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता और 2000 में मुंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने 2012 में मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और 2013 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पद ग्रहण किया।
शरद अरविंद बोबदे के प्रमुख निर्णय
- अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद पर फैसला
- निजता के अधिकार पर एकमत फैसला
- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल Borad पर फैसला
- पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोगोई पर फैसला।
उच्च न्यायालय के कार्य एवं क्षेत्राधिकार
प्रारंभिक क्षेत्राधिकार
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 137 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय को संघ तथा राज्य ,राज्य तथा राज्यों के बीच विवादों का हल निकालने का प्रारंभिक क्षेत्राधिकार है।
- क्षेत्राधिकार के तहत सर्वोच्च न्यायालय से विवाद का निर्णय के लिए स्वीकार करेगा जिसमें किसी तथ्य या विधि का प्रश्न शामिल हो।
अपीलीय क्षेत्राधिकार
सर्वोच्च न्यायालय देश का सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय है। संविधान अनुच्छेद 132 के तहत उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है। बस शर्त के कोई मामला संविधान की व्याख्या कानून की व्याख्या से जुड़ा हो।
परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार
संविधान अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से सर्वजनिक पत्र के किसी भी मामले पर सुझाव मांग सकता है। सर्वोच्च न्यायालय आवश्यकतानुसार सुझाव दे सकता है और इनकार भी कर सकता है।
न्यायिक पुनर्विलोकन
उच्चतम न्यायालय को संसद या विधानसभा द्वारा पारित किस अधिनियम तथा कार्यपालिका द्वारा दिए गए क्या देश को वैधानिकता का पुनर्विलोकन करने का अधिकार प्राप्त है।
अन्तरण का क्षेत्राधिकार
उच्चतम न्यायालय उच्च न्यायालयों से मैं लंबित मामले को अपने यहां अंतरित कर सकता है तथा किसी न्यायालय में लंबित मामले को दूसरे उच्च न्यायालय में अंतरित कर सकता है।
अन्तिम शब्दों में –
प्रिय पाठको आज हमने इस लेख में सीखा भारत का उच्चतम न्यायालय क्या है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की वेतन और भत्ते भारत के उच्चतम न्यायालय के क्षेत्राधिकार हैं। उम्मीद करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई हुई होगी। यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके दिमाग में है तो कमेंट बॉक्स पर लिखें हम उसका जवाब देने की जरूर कोशिश करेंगे।
लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद