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    Home»Essay»Essay on Tree Plantation in Hindi – वृक्षारोपण पर निबंध ।
    Essay

    Essay on Tree Plantation in Hindi – वृक्षारोपण पर निबंध ।

    Shashi SharmaBy Shashi SharmaDecember 20, 2021
    essay-on-tree-plantation-in-hindi

    Essay on Tree Plantation in Hindi : आधुनिक समय में मनुष्य का प्रकृति से सम्बन्ध टूटता जा रहा है। बड़े बड़े शहरो में विशालकाय भवनों में रहने बाले बच्चे भले ही बहुराष्ट्रीय कम्पनीओ के बीस ब्रांड नाम गिनबा दे , परन्तु अपने आस पास उगे पांच पेड़ो के नाम नहीं गिनाबा सके। जीव जन्तु उनके लिए चिड़ियाघर में देखने की बस्तु मात्र है। स्वच्छ नीला आकाश धूल और पेट्रोल के धुएं से ढका रहता है। चाँद और सितारे उनकी पुस्तकों के पृष्टो पर ही चमकते है।

    ऋतुओ का बदलना शहरी लोगो को कोई सन्देश नहीं देता है। आधुनिक युग में माना जाने लगा है की मनुष्य सृष्टि के केंद्र में है। इसलिए प्रकृति का उपयोग करने का उसे अधिकार है। प्रकृति का निर्मम शोषण मानब ने करना शुरू कर दिया है। मनुष्य आज के समय में प्रकृति को अपना दासी मानता है। यही से प्राकृतिक अंसतुलन और विनाश शुरू हुआ है।

    वृक्षारोपण क्या होता है – What is Tree Plantation

    वृक्षारोपण दो शब्दों को जोड़ कर बना है वृक्षा + रोपण , जिसका अर्थ होता है। पेड़ -पोधो को लगाना। पेड़ -पोधो मानव जीवन का एक अभिविन अंग है। पेड़ -पोधो के बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। इंसानो को जिन्दा रहने के लिए ऑक्ससीजन की जरूरत होती है। जो इंसानो को पेड़ -पोधो से ही मिलती है।

    इसलिए मानव समाज की भलाई के सरकार समय -समय पर अलग अलग योजना के तहत वृक्षारोपण अभियान को चलाती है। ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे। मनुष्य ने प्रकृति दोहन बहुत ही बुरी तरह की है। आज के समय में जो प्रकृति आपदा आती है। इसके मनुष्य खुद जिम्मेबार है। वृक्षारोपण करके हम काफी हद तक प्रकृति संतुलन की ठीक कर सकते है। इसलिए वृक्षारोपण को एक जिम्मेबारी का काम समझ के करना चाहिए है।

    बन और बनो के मूल निबासी पर प्रभाव

    बनो के कटने से से बनो के मूल निबासी तथा बनबासी कबीलो की आजीविका छीनने लगी। बनो से अनेक औषोधिया ,कन्द -मूल ,जड़ी बूटियां और शिकार के रूप में जो उद्पाद उन्हें मिलता था। बह कम अथबा ख़त्म हुई है। उन्ही आर्थिक स्थिति बिगड़ने से सामजिक और सांस्कृतिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है। जगली कबीले शहरो की और भागने के लिए बिबश हो गए।

    जंगली कबीलो की सदियों पुरानी जीवन शैली नष्ट होने लगी। जिसे बनबासी बन्धुओं की सांस्कृतिक पहचान ख़त्म हो रही है। बड़े शहरों के लोग उनका शोषण कर रहे है। बृक्षों को कटने से ,और जंगलो को समाप्त होने से भारतीय संस्कृति का एक सुन्दर पृष्ट धूमिल होता जा रहा है।

    बनो के बिनाश के पशु -पक्षियों को क्या नुक्सान हुआ है ?

    बनो के बिनाश से सबसे ज़्यदा हानि बनो के मूल एबं प्राचीनतम निबासी पशु -पक्षियों को हुई है। मनुष्य से भी पहले बनो पर इनका अधिकार है। बृक्षों के कटने से ये बेघर हुए और बस्तियों की ओर जाने की बिबश हुए है। आबादी में घुस आने बाले जंगली जानबरो को मार डाला जाता है।

    अबोध जानबर अज्ञानता अथबा बिबश्ता से से शहर आये तो उन्हें दण्ड अथबा चिड़ियाघर में बन्द कर आजीवन काराबास में डाल दिया जाता। परन्तु जिन्ह मनुष्य ने उनका पुश्तैनी घर बार , अर्थ बृक्ष और बन नष्ट किये है , उन्हें क्या दण्ड मिलना चाहिए है। असंख्य तरह के जीव जन्तु जो बनो में रहते थे सदा के लिए मिट गए।

    बनो के बिनाश का कारण

    प्रकृति से मनुष्य बहुत पहले से खिलबाड़ करता आ रहा है। बनो के कटने का सबसे मुख्य इंसानो का लालच है मनुष्य प्रकृति से खिलबाड़ ,बस्तिया बसाने के लिए , कारखाने चलाने के लिए , नदियों का रास्ता रोक के करता है।
    बनो की महगी लड़की से बहुत सी बस्तुए बनाई जाती है। जिनको बेच अच्छा मुनाफा होता है। इसलिए मनुष्य लालच बश बनो को बिनाश कर रहा है। भू -रखलन का सबसे मुख्या कारण बनो का कटना है। जिससे हर बर्ष करोडो का नुक्सान हो रहा है।

    प्रकृति मनुष्य का समय -समय पर चेताबनी देती रही है। इंसान उसे अनदेखा करता है। अगर मनुष्य इस अनदेखा करता रहा है। तो एक प्रकृति केहर बन कर अपना रूप दिखगी।

    वृक्षारोपण का धार्मिक दृष्टिकोण

    भारतीय ऋषियों ने बनो के महत्ब को पहले ही पहचान लिया था। मतस्य पुराण के अनुसार एक पेड़ लगाने से दस पुत्रो जितना पुण्य मिलता है। बराह पुराण में लिखा है की पांच पौधे लगाने से नर्क नहीं जाता है। पद पुराण के अनुसार जो मनुष्य सड़क किनारे पड़े लगाता है। बह उतने समय तक स्वर्ग का सुख भोगता है। जितने बर्ष तक पड़े फलता फूलता है। हमारे पूर्बजो ने बृक्ष को लगाना को धार्मिक कृत्य बना दिया था।

    तुलसी का पौधा पवित्र माना जाता है। इसलिए घर के आँगन में तुलसी का पौधा लगाया जाता है। तुलसी के पौधे में औषधीय गुण मौजूद होते है। इसी तरह बट बृक्ष में भगवन शिव का निबास स्थान माना जाता है। इसलिए इस बृक्ष की पूजा की जाती है। पीपल का पड़े हमारे जीवन का पारिवारिक हिंसा माना जाता है। इसलिए इस पेड़ का कटना पाप होता है। हमारे शास्त्रों ने हमे बृक्षों से प्रेम करना सिखाया है।

    वृक्षारोपण का लाभ – Essay on Tree Plantation in Hindi

    प्रकृति की शोभा बढ़ाने के लिए , स्वास्थ्य बृद्धि के लिए बर्ष के नियंत्रण के लिए बिबिध प्रकार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्राणिमात्र के पोषण के लिए मरुसथल का विस्तार रोकने के लिए , गिरते जल स्तर को रोकने के लिए और बाढ़ से बचने के लिए बृक्षारोपण आवश्यक है।

    बृक्ष बर्षा को न्योता देते है। प्रदुषण का बिनाश करते है। प्राणद्यक ऑक्सजीन प्रदान करते है। पुष्टिकारक फल देते है। बृक्ष अपने पत्तों ,फल -फूल , छाया ,शल आदि देकर हमारा जीवन सुखमय बनाते है। बृक्षों का बिनाश अपने जीवन की सुख -समृद्धि का बिनाश है।

    अन्तिम शब्दों में –

    Essay on Tree Plantation in Hindi : निश्चय ही बृक्षारोपण व्यक्तिगत , सामाजिक और राष्ट्रीय हित में है। बृक्षारोपण सामाजिक दायित्व समझ कर , मानबीय सेबा कार्य समझ कर आने बाली पीढ़ी को देय समझ कर करना चाहिए है। स्कलो में ही बच्चो को ना केबल बृक्ष लगाने की बल्कि बृक्षों को जीबित रखने का परिक्षण दिया जाना चाहिए है। राष्ट्रीय स्तर पर पुन : बन महोत्सब के महत्ब को स्थापित करने की आवश्यकता है।

    Shashi Sharma
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