Kashmir File : हाल में ही एक फिल्म रिलीज़ हुई है जिसका नाम है Kashmir File .यह मूवी आज कल बहुत ही विबादो में है। फिल्म Kashmir File विबादो में के बाद भी बहुत अच्छा बिज़नेस सिनेमाघरो में कर रही है। आज तक इस मूवी की कुल कमाई 85 करोड़ है। सिनेमाघरो में जब भी कोई मूवी रिलीज़ होती है तो उसकी कमाई शुरू के तीन दिनों तक बहुत अच्छी होती है परन्तु उसके बाद फिल्म की कमाई कम होने लगती है। परन्तु Kashmir File मूवी के साथ उल्टा हो रहा है। इस फिल्म की कमाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिसका एक कारण यह भी हो सकता है की फिल्म विबादित होने के कारन दर्शको में फिल्म को देखने की जिज्ञासा उत्प्न हो रही है।
यह फिल्म रिलीज़ होने से पहले प्रमोशन के समय से ही विबादो में रही। फिल्म के निर्माता ने आरोप लगाया था की The Kapil Sharma Show बालो ने फिल्म की प्रमोशन करने से यह कह कर इनकार कर दिया था की फिल्म में कोई बड़ा कलाकार नहीं है। फिल्म के निर्माता आज के समय में फिल्म को बनाने के लिए जितना बजट खर्च करते है उतना ही फिल्म की प्रमोशन के लिए करते है। भारतीय फिल्म उद्योग में आज Kashmir File फाइल मूवी ने साबित कर दिया है की यदि फिल्म का कॉन्टेंट अच्छा हो तो फिल्मे बड़े सितारे और बिना प्रमोशन के भी अच्छा बिज़नेस कर सकती है।
Kashmir File मूवी की कहानी
Kashmir File मूवी की शुरुआत में हमें 1990 में कश्मीर का दृश्य दिखया जाता है। जहा अब शिव और अब्दुल नाम के बच्चो को अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते हुए दिखाया जाता है। शिव अच्छा खेलने के बाद सचिन का नाम लेने लगता है। और बहा पर मौजूद कुछ लोगो को यह बात पसन्द नहीं आती है। और बह बोलते है यह भारत नहीं पाकिस्तान है यहाँ पर सचिन की नहीं चलती। और उसके बाद शिव नाम के लड़के को मारने लगते है। किसी तरह उसका दोस्त अब्दुल उसको बहा से बचा कर ले जाता है। इस सीन से यह दिखाने की कोशिश की गयी है की दोस्ती का कोई महजब नहीं होता है।
कश्मीर में 1990 में बह दौर बह जब कश्मीर में रह रहे पंडितो से कश्मीर में रहने का हक छीना जा रहा है। और इस आंतक को लीड करता था फारूक अहमद दर। और बह लोगो को इकटा करके बता रहा था की यदि यह बतन हमारा है तो इसके हक भी हमारा ही होगा।
Kashmir File फिल्म के दृश्य में एक महिला को दिखाया जाता है जो अपने बीमार बच्ची को डॉक्टर के पास ले जाने लगती है तो पुलिस बाला उसे रोक देता है और कहता है की आगे मत जाओ आगे खतरा है। उसी समय एक आंतकी पुलिस बाले को गोली मार देता है। और आंतकी महिला के पास आ कर से कहता है की तुम फ़िक्र मत करो में तुम्हारी बेटी की शादी अपने छोटे भाई के साथ करुगा। यह बात सुन कर महिला उस आंतकी के मुँह पर तुक देती है। उसके बाद बह आंतकी उस महिला को भी मार देता है।
Kashmir File अगले द्रश्य में एक पण्डित को दिखाया जाता है। जिसका नाम पुष्कर था। बह अपने पोते शिव को ढूढ रहा था जो अभी तक घर नहीं आया था। थोड़ी देर के बाद शिवा मिला है तभी बहा पर पुलिस की गाडी आ जाती है। पुलिस बाला उनसे कहता है की मेरे साथ चलो यह मोहाल गर्म है। तुम्हे कोई नुक्सान ना हो। जैसे ही गाडी में बैठ कर थोड़ी सी आगे जाते है बैसे ही गाडी ब्लास्ट हो जाती है। बही पुष्कर का घर भी दिखाया जाता है। जहा आंतकबादी घर में गुस्स आते है जो शिव को पिता को ढूढ रहे थे। शिव के पिता एक ड्रम में छुप जाते है। जिसका पता आंतकियो को लग जाता है उसे उसी ड्रम में गालियों से छली कर देते है। शिव की माँ बहुत ज़्यदा डर जाती है तभी पुष्कर बह बहा आ जाता है। जिसे उसके बच्चे से भीगे चावल खाने को देते है।
Kashmir File कहानी बर्तमान में पहुंच जाती है जहा एक आदमी को दिखाया जाता है जिसका नाम ब्रम्हा दत्ता है। जो अभी भी कश्मीर में रह रहा है। उससे मिलने पुष्कर का पोता कृष्ण पंडित आता है जो की अभी दिल्ली में रहा है। बह अपने साथ पुष्कर की अस्तिया लाया होता है। पुष्कर के अन्य दोस्त भी बाह पर आये हुए थे। कृष्ण पंडित को नहीं पता होता है की उनके माता पिता की मौत कैसे हुई होती है।
इसके बाद Kashmir File मूवी में अगला सीन JNU का दिखाया जा रहा होता है जहा पर कृष्ण पंडित प्रोफेसर राधिका के लेक्चर सुन रहा होता है। जो की लोगो को कश्मीर की आज़ादी के लिए उकसाह रही होती है। राधिका कहती है की 1990 में कोई भी नरसाहर नहीं हुआ था। कृष्ण पंडित राधिका की बातो से बहुत ज़्यदा इम्प्रेस हो जाता है।
राधिका कृष्ण पंडित को पूरी तरह अपने जाल में फसा लेती है। और कृष्ण पंडित को भी लगता है की 1990 में किसी पंडित की नरसहर नहीं हुआ था। और जो लोग आंतकी बन रहे है उसके लिए भी खुद को जिम्मेबार समझने लगता है। ब्रम्हा दत्ता को उसकी यह बात बहुत बुरी लगती है तब ब्रम्हा दत्ता उसे भूतकाल की घटित सभी बातो के बारे में बताता कैसे आप के पापा की मौत हो गयी और आपका दादा पुष्कर आपको कैसे आंतकियो से यहाँ से बचा के ले गया था।
इन सब बातो को सुनने के बाद कृष्णा को समझ आ जाता है की प्रोफेसर राधिका कृष्णा को गलत बात बता रही थी। कृष्णा अपने दादा की अस्तिया उसी घर में बिखेर देता है। इस तरह कृष्णा अपने दादा की अंतिम इच्छा को पूरा करते है। कृष्ण काम निपटा के फारूक अहमद दर मिलने जाता है। जिसके साथ बह जा रहा होता है बह शिव का दोस्त अब्दुल होता है। कृष्णा अब्दुल से उस समय की बहुत सी बाते पूछता है और इन सब बातो को अपने मोबाइल में रिकॉड कर लेता है।
अगले सीन में दिखाया जाता है की फारूक अहमद दर कृष्णा से कह रहा था की उसने किसी का नरसहर नहीं किया बल्कि कश्मीरी पंडित खुद इस जगह को छोड़ के जा रहे थे। और उन्हें मारने बाले आर्मी के लोग थे और फारूक अहमद दर अपनी तुलना भगत सिंह और गाँधी से करता है। यह सब सुनने के बाद कृष्णा को लगता है की फारूक अहमद दर सच बोल रहा है। इसके बाद बह जा के ब्रम्हा से लड़ाई भी करता है। जब पानी सिर से ऊपर चला जाता है तब ब्रम्हा उसके सामने तीन फाइल को रख देता है। जब उन्ह फाइल का पढ़ता है तब उस समझ आता है उसी फाइल में उसके भाई और माता का फोटो भी होता है।
अगले सीन में दिखाया जाता है की उसके बाद कृष्णा JNU बापिस चला जाता है। कृष्णा देखता है की राधिका छात्रों को उकसाह रही है। राधिका कृष्णा को भाषण देने के लिए बोलती है। बह कॉलेज का प्रेसडेंट बनने बाला था। यह बह समय होता है जब सब को सच मालूम होने बाला था। कृष्णा कहता की बहुत पहले एक ऋषि कश्मीर गया था जिसका नाम था ऋषि कश्यप ,जिसके नाम पर कश्मीर का नाम पड़ा है। उसके बाद बहुत से ज्ञानी लोग कश्मीर गए और कश्मीर को बसाया गया। एक दिन बहा पर आंतकी आये जो शुरू में पन्हा लेने आये। परन्तु बाद में उन्होंने कश्मीरी पंडितो पर जुर्म करना शुरू कर दिया। जो भी उनके खिलाफ होता था उन्हें मार दिया जाता था। पहले उन्हें रोकने की कोशिश की जा रही थी परन्तु में सब को समझ आ गया था यह सच था।
कश्मीर का इतिहास और नाम
भारत से प्रचीन समय में ऋषि मुनियो का बास था। प्राचीन समय में ऋषि कश्यप कश्मीर चले गए था जहा पर उन्होने तपस्या और ज्ञान की प्राप्ति करने के बाद बस गए। जिनके नाम के ऊपर ही कश्मीर राज्य का नाम कश्मीर पड़ा। धीरे धीरे समय के साथ अन्य ऋषि मुनि और ज्ञानी लोग भी कश्मीर जाने लगे। धीरे धीरे इस तरह से कश्मीर का निर्माण हुआ। इस तरह कश्मीरी पंडित कश्मीर के मूल निबासी बन गए है।
कश्मीरी पंडितो को क्यों करना पड़ा था पलायन
कश्मीरी पंडितो कश्मीर के मूल निबासी थे। आंतकियो ने आ कर कश्मीर धोखे से कश्मीरी पंडितो से कश्मीर में पनाह मांगी। आंतकियो को कोई भी धर्म नहीं होता है उन्होंने ने धीरे – धीरे अपनी ताकत को बढ़ाना शुरू किया। उसके बाद कश्मीरी पंडितो पर जुर्म करना शुरू कर दिया है। उससे पहले कश्मीर में हिन्दू और मुसलमान बड़े प्यार से रहते है। अब जो मुसलमान हिन्दू का साथ देता था उन्हें भी मौत की घाट उतार दिया जाने लगा।
साल 1990 मस्जिदों से फतबा जारी किया गया की जो भी काफिर कश्मीर में है बह कश्मीर छोड़ चले जाये। या फिर इस्लाम को कबूल कर ले। उस समय कश्मीरी पंडितो का नरसहर किया। माँ बाप के सामने बच्चो को मारा जाने लगा। इस समय तक जो कश्मीरी पंडित बहुलसंख्या में संख्या में थे उनकी समय कम हो गयी थी। जिसके कारण कश्मीरी पंडितो को अपनी जान को बचाने के लिए कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा था।
Kashmir File मूवी को बनाने का मकसद
भारत में बहुत से दंगे होते है या फिर अन्य घनाए होती है। उन्ह पर फिल्मे बनाई जाती है। ताकि उनके दुःख को आम जनता समझ सके। उनके दुःख के निबारण सरकार दुबारा कोई कदम उठाया जाये। परन्तु आज कश्मीर के इस नरसहर पर कोई फिल्म ही नहीं बनी थी। इस फिल्म का मकसद है की जनता कश्मीरी पंडितो के दुःख को जाने। सरकार उनके लिए कोई कदम उठाये जो अपना घर बार छोड़ कर अन्य जगह को जाने के बिबश हो गए थे। उन्हें विस्स्थपित किया है। ताकि उनकी जिन्दगी भी अच्छे से चल सके।
Kashmir File का विरोध क्यों हो रहा है
Kashmir File का विरोध बिपक्ष के साथ अन्य दल भी कर रहे है उनका मानना है की फिल्म में सच को नहीं दिखाया गया। यह फिल्म सिर्फ बीजेपी को लाभ देने के लिए बनाई गयी है। फिल्म में किसी भी तरह का कोई सन्देश नहीं है। जिस समय कश्मीर में कश्मीरी पंडितो का नरसाहार हुआ था उस समय केंद्र में बीजेपी की सरकार और कश्मीरी में बीजेपी गटबन्दन सरकार थी जो की हिन्दू नरसाहार को रोकने में नाकाम हुई थी। जिससे फिल्म में नहीं दिखाया गया है। इसलिए बह इस मूवी का विरोध कर रहे है।
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